हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "मीज़ान उल-हिक्मा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الهادی علیه السلام:
اُذکُر حَسَراتِ التَّفریطِ بِأَخذِ تَقدیمِ الحَزمِ.
इमाम अली नकी (अ) ने फ़रमाया:
अतीत की असफलताओं पर पछताने और अफसोस करने के बजाय, दृढ़ इच्छाशक्ति के माध्यम से अतीत के लिए तलाफ़ी करें।
मीज़ान उल-हिक्मा, भाग 7, पेज 454
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